लोगों की राय

लेखक:

श्‍याम बिहारी ‘श्‍यामल’

श्‍याम बिहारी ‘श्‍यामल’

जन्म : 20 जनवरी, 1965; डालटनगंज, पलामू,  झारखंड।

प्रमुख कृतियाँ : पलामू के सूखा-अकाल और दुर्धर्ष जीवन-संघर्ष पर आधारित उपन्यास ‘धपेल’ का 1998 में प्रकाशन। दूसरा उपन्यास ‘अग्निपुरुष’ भी चर्चित। यह भी पलामू की पृष्ठभूमि व जनजीवन में चर्चित एक पात्र सतुआ पांडे के वृत्तान्त पर केन्द्रित। कहानी-संग्रह—‘चना चबेना गंग-जल’; संस्मरण—‘वे दिन जो कभी ढले नहीं’; ग़ज़ल-संग्रह—‘श्यामलकदा’ और कविता-पुस्तिका—‘प्रेम के अकाल में’ भी प्रकाशित।

पहली किताब ‘लघुकथाएँ अँजुरी भर’ सत्यनारायण नाटे के साथ साझे में 1984 में प्रकाशित। उसी दौर से लेकर अब तक लेखन और पत्रकारिता।

फ़िलहाल, आधुनिक हिन्दी भाषा-साहित्य के पितामह भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के मनोसंघर्ष पर आधारित उपन्यास के सृजन में रत।

‘कंथा’ का इससे पूर्व ‘नवनीत’ (मुम्बई) में मई 2010 से अक्टूबर 2012 तक के अंकों में धारावाहिक प्रकाशन और पाठकों के बीच चर्चित।

सम्प्रति : वाराणसी में ‘दैनिक जागरण’ के मुख्य उप-सम्पादक।

ई-मेल : shyambiharishyamal1965@gmail.com

कंथा

श्‍याम बिहारी ‘श्‍यामल’

मूल्य: $ 20.95

  आगे...

 

   1 पुस्तकें हैं|

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai